Judaai (From "Badlapur)
राझण ढूड़न मैं चलिया
राझण मिलया ना ये
जिगरा विच अगन लगा के रब्बा
रब लक़ीरां विच लिख दी जुदाई
खो गया, गुम हो गया
वक़्त से चुराया था जो
अपना बनाया था
हो तेरा, वो मेरा
वक़्त से चुराया था जो
सपना सजाया था
चदरिया जीनी रे जीनी
चदरिया जीनी रे जीनी
आँखें भीनी ये भीनी ये भीनी
यादें झीनी रे झीनी रे झीनी
चदरिया जीनी रे जीनी
चदरिया जीनी रे जीनी
हे आँखें भीनी ये भीनी ये भीनी
यादें झीनी रे झीनी रे झीनी
ऐसा भी क्या मिलना, साथ हो के तन्हा
ऐसी क्यों सजा हमने है पाई
रांझणा वे, फिर से मुझे जीना
तुझ पे है मरना
फिर से दिल ने दी है ये दुहाई
साजना वे, लकीरों पे लिख दी क्यों जुदाई
हो ग़ैर सा हुआ खुद से भी, ना कोई मेरा
दर्द से कर ले चल यारी, दिल ये कह रहा
खोलूं जो बाहें, बस ग़म ये सिमट रहे हैं
आँखों के आगे, लम्हें ये क्यों घट रहे हैं
जाने कैसे कोई सहता जुदाइयाँ
चदरिया झीनी रे जीनी
चदरिया झीनी रे जीनी
आँखें भीनी ये भीनी ये भीनी
यादें झीनी रे झीनी रे झीनी
चदरिया झीनी रे जीनी
चदरिया झीनी रे जीनी
हे आँखें भीनी ये भीनी ये भीनी
आँखें भीनी ये भीनी ये भीनी
यादें झीनी रे झीनी रे झीनी
यादें झीनी रे झीनी रे झीनी
राझण ढूड़न मैं चलिया
राझण मिलया ना ये
जिगरा विच अगन लगा के रब्बा
रब लक़ीरां विच लिख दी जुदाई