Saibo (From "Shor in the City")
मन ये साहेब जी,
जाणे हैं सब जी
फिर भी बनाए... बहाने
नैना नवाब जी,
देखें हैं सब जी
फिर भी न समझे... इशारे
मन ये साहेब जी, हाँ करता बहाने
नैना नवाब जी, न समझे (समझे) इशारे
धीरे-धीरे नैनों को धीरे-धीरे
जीया को धीरे-धीरे
भायो रे साएबों
धीरे-धीरे बेगाना धीरे-धीरे
अपना सा धीरे-धीरे
लागे रे साएबों
~ संगीत ~
सुर्खियां हैं हवाओं में...
दो दिलों के मिलने की...
हाँ अर्जियां हैं नज़ारों में...
लम्हा ये थम जाने की...
ओ ...कैसी हुजूर जी ये लब दिखलाए
चुप्पी लगा के भी गज़ब है ढ़ाए
धीरे-धीरे नैनों को धीरे-धीरे
जीया को धीरे-धीरे
भायो रे साएबों
धीरे-धीरे बेगाना धीरे-धीरे
अपना सा धीरे-धीरे
लागे रे साएबों
साएबों... साएबों...
धीरे-धीरे...
साएबों... साएबों...
धीरे-धीरे...