ये चाँद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखें
कोई राज़ है इनमें गहरा
ये चाँद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखें
कोई राज़ है इनमें गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
"इक चीज़ कयामत भी है," लोगों से सुना करते थे
तुम्हें देख के मैंने माना, वो ठीक कहा करते थे
वो ठीक कहा करते थे
है चाल में तेरी, ज़ालिम, कुछ ऐसी बला का जादू
१०० बार संभाला दिल को, पर होके रहा बेकाबू
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
ये चाँद सा रोशन चेहरा
ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखें
कोई राज़ है इनमें गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया?
जिसने तुम्हें बनाया
जिसने तुम्हें बनाया